Swami Vivekananda Nishakta Swavlamban Protsahan Yojana 2025 | दिव्यांगजन के लिए खुशखबरी! अब सरकार दे रही है स्वरोजगार के लिए सीधी आर्थिक मदद

By Sarkari Job and Yojana

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Swami Vivekananda Nishakta Swavlamban Protsahan Yojana 2025

Swami Vivekananda Nishakta Swavlamban Protsahan Yojana: भारत सरकार की ओर से विकलांग व्यक्तियों के लिए एक नई योजना का आयोजन किया गया है ,उस योजना का नाम है- “स्वामी विवेकानंद निशक्त स्वावलंबन योजना”।

यह योजना झारखंड राज्य के लिए सीमित की गई। है झारखंड सरकार की महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य 5 साल अथवा उससे अधिक आयु के उन दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

ऐसे दिव्यांगजन जो अपनी संसाधनों से अपना जीवन विप करने में असमर्थ है और जिन ऐसे दिव्यांगजन जो अपनी निजी आवश्यकता हो पूरा करने में असमर्थ है और उन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को सीधा डीबीटी के माध्यम से लाभ दिया जाता है मतलब डायरेक्टली लाभार्थी के बैंक खाते में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है इसीलिए स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत मिलने वाली पेंशन राशि लगभग 1000 प्रति माह लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।

Swami Vivekananda Nishakta Swavlamban Protsahan Yojana महत्वपूर्ण जानकारी

योजना का नामस्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना
योजना की शुरुआतझारखंड राज्य सरकार द्वारा
लाभार्थीझारखंड राज्य के स्थायी दिव्यांग नागरिक
लाभ₹1000 मासिक पेंशन सहायता
योजना का उद्देश्यदिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर बनाना
पात्रता1. झारखंड निवासी
2. आयु 5 वर्ष या उससे अधिक
3. मान्य दिव्यांगता प्रमाण पत्र (40% या अधिक)
4. अन्य सरकारी पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे हों
आवश्यक दस्तावेज1. आधार कार्ड
2. निवास प्रमाण पत्र
3. दिव्यांग प्रमाण पत्र
4. पासपोर्ट साइज फोटो
5. बैंक पासबुक की प्रति
6. आयु प्रमाण पत्र
आवेदन प्रक्रियाऑफलाइन माध्यम से आवेदन नजदीकी प्रखंड/जिला समाज कल्याण कार्यालय में जाकर फॉर्म भरें और दस्तावेज जमा करें
लाभ का वितरणपात्रता सत्यापन के बाद, लाभार्थी के बैंक खाते में ₹1000 प्रतिमाह ट्रांसफर किया जाता है
योजना की स्थितिकेवल झारखंड राज्य के लिए सीमित
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स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के लाभ

झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत सरकार हर महीने एक निश्चित पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजती है, ताकि वे अपनी जरूरी जरूरतें पूरी कर सकें और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।

आइए जानते हैं इस योजना से मिलने वाले प्रमुख लाभ:

  • ₹1000 की मासिक पेंशन:
    • स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत आवेदन करता को लगभग 1000 प्रति माह की मासिक पेंशन लाभार्थी के बैंक खाते में प्रदान की जाएगी।
  • पैसा सीधे बैंक खाते में:
    • सरकार यह पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजती है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और समय पर राशि प्राप्त होती है।
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम
    • यह योजना दिव्यांगजनों को सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं देती, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देती है।
  • केवल झारखंड के निवासियों के लिए
    • यह योजना केवल झारखंड राज्य के स्थायी निवासियों के लिए लागू है। अन्य राज्यों के लोग इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
  • सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
    • हर महीने नियमित पेंशन मिलने से दिव्यांगजनों को एक स्थिर आय का स्रोत मिलता है, जो उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।

स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन योजना अत्यावश्यक दस्तावेज:

स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन योजना के लिए लगने वाले अत्यावश्यक दस्तावेज निम्नलिखित प्रकार से है।

  • विकलांगता संबंधी प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी। 
  • आयु प्रमाण पत्र अगर आवेदक की आयु 18 साल से कम है तो जन्म प्रमाण पत्र अथवा प्रधानाध्यापक प्रधानाचार्य से सत्यापित प्रति आस्था आवश्यक है। 
  • मतदाता पहचान पत्र की प्रति अगर आवेदक की आयु 18 साल अथवा 18 साल से अधिक है तो मतदान प्रमाण पत्र आवश्यक है।
  • आधार कार्ड की प्रति अगर आवेदक के पास आधार कार्ड नहीं है तो उन्हें स्वैग घोषणा प्रस्तुत करनी होगी। 
  • बैंक खाते का विवरण ।

स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन योजना की पत्रताएं:

  • स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन योजना के अंतर्गत लाभ लेने हेतु आवेदन करता के निम्नलिखित पत्रताएं होनी अनिवार्य है सबसे पहले आवेदन करने वाला व्यक्ति झारखंड राज्य का निवासी होना अनिवार्यहै। 
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु 5 साल अथवा उससे अधिक होनी अनिवार्य है। 
  • आवेदक निम्नलिखित श्रेणियां में से किसी भी एक में से संबंधित होना चाहिए जैसे की – 
    • दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 धारा 2 अरे बेंचमार्क विकलांगता प्राप्त होना अनिवार्य है।
    • धारा 2 एस दिव्यांगजन। 
    • धारा 2 टी टी दिव्यांकजन जी ने सहायता की अत्यधिक आवश्यकता होती है। 
    • धारा 2 जेडीसी यानी निर्दिष्ट विकलांगता 
  • इन चारों विकलांगताओं में से कोई भी एक विकलांगता प्रमाण पत्र आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास होना अनिवार्य है। 
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास मतदान पहचान प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड होना अनिवार्य है। ( 18 साल अथवा 18 साल से अधिक आयु के आवेदन करने वाले आवेदन करता के लिए यह नियम है )
  • आवेदन करता किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त नहीं करना होना चाहिए।
  • आवेदन करता केंद्र और राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सेवानिवृत्ति या स्थाई रूप से कार्यरत नहीं होना चाहिए।
  •  आवेदक अथवा उनके पति पत्नी को किसी पारिवारिक पेंशन अथवा केंद्र एवं राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से पेंशन नहीं प्राप्त होनी चाहिए।
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति के परिवार में से कोई भी सदस्य आयकर दाता नहीं होना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद दिव्यंका स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

ऑफलाइन प्रक्रिया:-

  • स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन योजना के लिए आवेदन करने हेतु उम्मीदवार को आवेदन का निर्धारित प्रारूप ब्लॉक विकास अधिकारी वीडियो अथवा ऊपर विवाह की अधिकारी एसडीओ अंचल अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त करना चाहिए।
  •  उसके बाद आवेदन पत्र में सभी अनिवार्य पूछी गई जानकारी ठीक तरीके से भरे और सभी आवश्यक दस्तावेज की प्रशन इसके साथ जोड़े अगर वह सत्यापित आवश्यक हो तो वह दस्तावेजों को जोड़।
  • उसके बाद पूरे सटीकता से भरे हुए आवेदन पत्र को दस्तावेजों के साथ संबंधित प्राधिकारी को निम्नलिखित पते पर जमा करें 
  • ग्रामीण क्षेत्र के आवेदन करता वीडियो के कार्यालय में अपना आवेदन जमा करें। 
  • नगर पालिका और अधिसूचित क्षेत्र में एसडीओ अथवा सर्किल अधिकारी के कार्यालय में आवेदन पत्र को जमाकरें। 
  • इस प्रकार से स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन करता का आवेदन सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा इसके बाद वीडियो अथवा एसडीओ की ओर से पूरी दस्तावेजों की जांच की जाएगी और आपका आवेदन ठीक तरीके से पढ़ा जाएगा और इसे मंजूरी दी जाएगी।

Swami Vivekananda Nishakta Swavlamban Protsahan Yojana निष्कर्ष:

स्वामी विवेकानंद दिव्यांग स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्तियों को उनके निजी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्ति को शिक्षा और प्रशिक्षण के नए-नए रास्ते प्रदान किए जाते हैं ताकि दिव्यांग व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सके।

दिव्यांग व्यक्तियों को ऐसी योजनाओं के अंतर्गत रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं जिससे दिव्यांग व्यक्ति किसी के भी ऊपर निर्भर ना रह के अपना अथवा अपने परिवार का परिवार के नीचे निजी खर्चे नीचे आवश्यकता स्वयं पूरी कर सके। इस योजना के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्तियोंको सामाजिक सुरक्षा प्रधान करने में एक महत्वपूर्ण योगदान रहता है ऐसे में यह योजना दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक बदल लाकर उन्हें समाज में अपना वजूद बनाने में सहयोग करती है।

Disclaimer:
इस पोस्ट में दी गई जानकारी स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना से जुड़ी सरकारी वेबसाइटों और भरोसेमंद स्रोतों से जुटाई गई है। हमारा मकसद सिर्फ आपको सही और जरूरी जानकारी देना है, ताकि आप योजना का लाभ उठाने से पहले हर पहलू को समझ सकें।

हम किसी भी सरकारी विभाग या संस्था से आधिकारिक रूप से जुड़े नहीं हैं। योजना से जुड़ा कोई भी आवेदन करने से पहले, कृपया संबंधित सरकारी विभाग या इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी की पुष्टि जरूर कर लें।
अगर जानकारी में किसी तरह का बदलाव होता है या कोई गलती रह जाती है, तो उसके लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

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