Krishi Prashikshan Yojana 2024: हम हमेशा से ही केंद्र सरकार की ओर से किसानो के हित मे नई योजना का आयोजन किया जाता है।
किसान अपनी खेती सही ढंग से बिना किसी वित्तीय समस्याओंसे पुरी कर सके और इसी बात को ध्यान मे रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से एक नई योजना का आयोजन किया गया है। योजना का नाम है Krishi Prashikshan Yojana एक राज्य योजना है। यह योजना मेघालय सरकार की ओर से मेघालय राज्य के अंतर्गत आने वाले किसानों के लिए बनाई गई है।
यह योजना मेघालय सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कार्यान्वित की जाती है। Krishi Prashikshan Yojana का महत्वपूर्ण उद्देश्य यही है कि ग्रामीण विभाग में रहने वाले शिक्षित बेरोजगार युवाओं को कृषि एवं इसके साथ जुड़े हुए अलग-अलग क्षेत्र से संबंधित उद्यमिता कौशल विकसित करने और रोजगार सर्जन के लिए आपातकालीन व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
कृषि प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा राज्य के किसानों को राज्य के शिक्षित बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को निशुल्क आपातकालीन प्रशिक्षण सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती यह ध्यान में रखें। हालांकि इस योजना के अंतर्गत दिया जाने वाला प्रशिक्षण कृषि अथवा कृषि से संबंधित कोई भी क्षेत्र में निशुल्क प्रदान किया जाता है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के तो शिक्षित बेरोजगार युवाओं को कोई भी मुआवजा नहीं भरना पड़ता है।
इस योजना में भाग लेने हेतु मेघालय राज्य सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की पत्रताएं तथा निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज की आवश्यकता होगी। इस लेख में हम आप को अलग-अलग घटक जैसे कि आवेदन प्रक्रिया, अत्यावश्यक दस्तावेज, इस योजना का मुख्य उद्देश्य, इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को प्रदान किया जाने वाला लाभ तथा निष्कर्ष यह सारी बातें जोड़ी गई है।
अगर आप भी मेघालय राज्य के ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षित बेरोजगार है और अपने कौशल्य को दिखाने का हुनर रखते हैं तो आप कृषि प्रशिक्षण योजना में शामिल होकर कृषि के साथ-साथ कृषि से संबंधित दिए जाने वाले प्रशिक्षण में शामिल होकर इस योजना का एक भाग बन सकते हैं इसके संबंध पूरी जानकारी जानने के लिए आपको यह लेख आखरी तक पढ़ना अनिवार्य है ताकि आप पूरी बातें जान सके।
Krishi Prashikshan Yojana 2025 की महत्वपूर्ण जानकारी
योजना कानाम | कृषि प्रशिक्षण योजना (Krishi Prashikshan Yojana) |
योजना की शुरुआत किसके द्वारा | मेघालय राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण द्वारा |
योजना की शुरुआत का समय | 2012- 2013 |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन प्रक्रिया |
उद्देश्य | कृषि प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि से जुड़ी नई-नई तकनीक से जोड़ा जाता है। जिसमें में कृषि तकनीक को की सिंचाई प्रबंधन तथा उपकरण उपयोग से जुड़ी सारी जानकारी बताई जाती है। जिससे यह किसान आधुनिक तकनीक से जुड़ जाते हैं। और इन किसानों को कृषि करने में सुलभता प्रदान होती है। |
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Krishi Prashikshan Yojana 2025 का महत्वपूर्ण उद्देश्य
कृषि प्रशिक्षण योजना 2025 का महत्वपूर्ण उद्देश्य निम्नलिखित प्रकार से है
- Krishi Prashikshan Yojana के अंतर्गत किसानों को कृषि से जुड़ी नई-नई तकनीक से जोड़ा जाता है। जिसमें में कृषि तकनीक को की सिंचाई प्रबंधन तथा उपकरण उपयोग से जुड़ी सारी जानकारी बताई जाती है। जिससे यह किसान आधुनिक तकनीक से जुड़ जाते हैं। और इन किसानों को कृषि करने में सुलभता प्रदान होती है।
- किसानों को इस योजना के अंतर्गत उच्च गुणवत्ता वाले बीज के बारे में पूरी जानकारी सटीकता से दी जाती है जिससे किसान उत्पन्न वृद्धि कर सकते हैं।
- फसल चक्र, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, और फसल सुरक्षा से संबंधित पूरी जानकारी इन किसानों को कृषि प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत दी जाती है जिससे फसल वृद्धि तथा फसल में सुधार लाया जा सके।
सबसे आखिरी और महत्वपूर्ण उद्देश्य यही है, कि इस योजना के अंतर्गत इन किसानों को ऋण, ऋण सब्सिडी से जुड़ी पूरी जानकारी दी जाती है।
कृषि प्रशिक्षण योजना की पात्रता
कृषि प्रशिक्षण योजना की पात्रताए निम्नलिखित प्रकार से है:
- आवेदन करने वाला व्यक्ति मेघालय राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदन करने वाला व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र का सूशिक्षीत बेरोजगार होना चाहिए।
- आवेदन करने वाला व्यक्ति की शैक्षणिक आ रहा था दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होने अनिवार्य है।
- आवेदक के पास खुद की कृषि योग्य भूमि तथा लीज पर ली गई कृषि योग्य भूमि होना अनिवार्य है।
- आवेदक को कृषि आधारित गतिविधियां शुरू करने में रुचि होनी अनिवार्य है।
कृषि प्रशिक्षण योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
कृषि प्रशिक्षण योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित प्रकार से है
ऑफलाइन प्रक्रिया
- सबसे पहले पात्र शिक्षित ग्रामीण युवा को नोटबुक के सादे कागज पर अपना आवेदन लिखना है।
- उसके बाद आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज की प्रतियां जोड़नी है (अगर आवश्यकता हो तो स्वयं सत्यापित प्रत्यय जोड़े)
- उसके बाद विधिवत भरे हुए और हस्ताक्षरित आवेदन को संबंधित दस्तावेजों के साथ प्रिंसिपल बेसिक एग्रीकल्चरल ट्रेनिंग सेंटर यानी (बी ए टी सी) के कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा।
इसके बाद हम जानेंगे कि लाभार्थी की चयन प्रक्रिया किस प्रकार से होती है:
- यह चयन प्रक्रिया आवेदन करता के योग्यता पर निर्धारित होती है तथा यह प्रक्रिया इस शार्प पर की जाती है कि आवेदकों के पास कृषि योग्य भूमि होना अनिवार्य होता है कृषि योग्य भूमि मतलब ऐसी भूमि जिस पर वे अपनी कृषि आधारित गतिविधियां शुरू कर सके।
- संपर्क: आपको आवेदन करने हेतु संबंधित जिलों के जिला कृषि अधिकारी अथवा संबंधित उपमंडल के ऊपर मंडल कृषि अधिकारी के पास अपना आवेदन प्रदान करना होगा ।
कृषि प्रशिक्षण योजना के अत्यावश्यक दस्तावेज
कृषि प्रशिक्षण योजना के लिए लगने वाले अत्यावश्यक दस्तावेज निम्नलिखित प्रकार से है
- जिला प्रशिक्षण अधिकारी तुरा / शिलांग। संबंधित समुदाय और ग्रामीण विकास खेलों के कृषि विकास अधिकारी सक्षम पर शक अधिकारी से प्राप्त किया गया आवासीय प्रमाण पत्र।
- शैक्षणिक योग्यता यानी एसएससी प्रमाण पत्र
- सेंट अथवा स प्रमाण पत्र अगर लागू हो तो
- जन्म प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक प्रशिक्षु के अपने कार्यशील बैंक बचत खाते का प्रथम पुष्टि का विवरण अथवा प्रत।
- स्लो पासपोर्ट आकार की तस्वीर जिसमें से एक स्टांप आकार की तस्वीर।
- कृषि योग्य भूमिदस्तावेज
- संबंधित पीएचसी अथवा च से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र इसकी मूल प्रति आपके यहां चाहिए।
- बेरोजगारी प्रमाण पत्र।
नोट: हम यहां आपको यह बताना चाहते हैं कि उम्मीदवार को बेरोजगारी की स्थिति कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जारी किए गए अनुशंसा प्राप्त में शामिल की जा सकती है वैकल्पिक रूप से किसी राज्य पत्रिका अधिकारी द्वारा विधि समर्पित उम्मीदवार द्वारा प्रमाणित भी स्वीकार किया जा सकता है।
सभी दस्तावेज आवेदक द्वारा स्वयं सत्यापित होने अनिवार्य है।
कृषि प्रशिक्षण योजना का निष्कर्ष
कृषि प्रशिक्षण योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के किसान तथा ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर उनके कृषि विकास को बढ़ावा दिया जाता है जिसके साथ ही उनकी आयु वृद्धि भी की जाती है जिस देश के विकास में इस योजना का महत्वपूर्ण योगदान प्रधान होता है।